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हिंदू देवी-देवताओं पर विवादित बयान देने वाले सपा नेता Swami Prasad Maurya पर एक शख्स ने भरी स्टेज पर फेंका जूता,वीडियो हुआ वायरल।

समाजवादी पार्टी के एमएलसी और अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर स्वामी प्रसाद मौर्य पर एक कार्यक्रम में जूता फेंका गया है. समाजवादी पार्टी के ओबीसी सम्मेलन में स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका गया. जूता फेंकने वाले कार्यकर्ता की पहले कार्यकर्ताओं ने पिटाई की, फिर पुलिस उसे हिरासत में लेकर विभूति खंड थाने ले गई.

 
Shoe Thrown At Swami Prasad Maurya In Samajwadi Party Program

समाजवादी पार्टी के एमएलसी और अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर स्वामी प्रसाद मौर्य पर एक कार्यक्रम में जूता फेंका गया है. समाजवादी पार्टी के ओबीसी सम्मेलन में स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका गया. जूता फेंकने वाले कार्यकर्ता की पहले कार्यकर्ताओं ने पिटाई की, फिर पुलिस उसे हिरासत में लेकर विभूति खंड थाने ले गई.

स्वामी प्रसाद मौर्य यूपी की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं. कभी बसपाई कहे जाने वाले मौर्य ने भाजपा का दामन थामा, फिर भाजपा को टाटा कहा, बाय-बाय किया और अखिलेश की साइकिल पर सवार हो गये। स्वामी प्रसाद मौर्य का लगभग चार दशक का लंबा राजनीतिक करियर है और उन्हें यूपी की राजनीति में एक कद्दावर राजनेता माना जाता है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने 1996 में बसपा के टिकट पर रायबरेली की डलमऊ विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उनका करियर ऐसा रहा कि वे 4 बार कैबिनेट मंत्री बने. वह तीन बार यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता भी बने। साल 2009 में केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की मां को पडरौना से उपचुनाव में हराने के बाद उनकी गिनती मायावती के करीबी नेताओं में होने लगी.


साल 2008 में बीएसपी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी. 2012 में हार के बाद मायावती ने उनसे जिम्मेदारी वापस ले ली. साल 2016 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने बहुजन समाज पार्टी से बगावत कर दी थी.

बीएसपी से अलग होने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी पार्टी बनाई, लेकिन एक बड़ा सपना लेकर वह बीजेपी में शामिल हो गए. साल 2017 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधानसभा चुनाव जीतकर मंत्री पद हासिल किया था. पिछले विधानसभा चुनाव में कमल के रथ पर सवार स्वामी प्रसाद मौर्य अब अखिलेश के साथ आ गए हैं.