फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ को कौन भूल सकता है? साल 1994 में रिलीज हुई यह फिल्म फूलन देवी के जीवन पर आधारित थी। वो फूलन देवी, जिसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था और उस घटना ने उसे डाकू बना दिया था. शेखर कपूर ने ‘बैंडिट क्वीन’ में फूलन देवी की जिंदगी के उतार-चढ़ाव और दर्द को फिल्मी पर्दे पर बड़ी गहराई से उतारा था।
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हालांकि, यह फिल्म अपने डायलॉग्स, कुछ सीन्स और कंटेंट की वजह से काफी विवादों में भी रही थी। इस फिल्म में एक सीन था, जिसमें बैंडिट क्वीन सीमा बिस्वास को गांव वालों के सामने बिना कपड़ों के घुमाया जाता है. इस मौके पर जमकर हंगामा हुआ. सीमा बिस्वास ने इस सीन को शूट करने से मना कर दिया था. लेकिन क्या आप जानते हैं शेखर कपूर ने इसे कैसे शूट किया?
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‘फिल्मी फ्राइडे’ सीरीज में जानिए कि कैसे शेखर कपूर ने फूलन देवी का नग्न दृश्य फिल्माया और जब सीमा बिस्वास ने शूटिंग करने से मना कर दिया तो कैसे वह बॉडी डबल लेकर आए। ये सीन फिल्म की कहानी के लिए बेहद अहम था. फिल्म में कई नग्न दृश्य थे, जिस पर सेंसर बोर्ड ने भी आपत्ति जताई थी. लेकिन ये फिल्म आज भी देश के सिनेमा की ‘मास्टरपीस’ मानी जाती है.
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फिल्म में एक सीन है, जहां गांव के ठाकुर लोग फूलन देवी के सारे कपड़े चौराहे पर उतार देते हैं. इसके बाद फूलन को उन ठाकुरों के लिए पानी लाने के लिए पूरे गांव में नग्न होकर कुएं तक जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिन्होंने उसके साथ बलात्कार किया था। जब शेखर कपूर ने ये सीन सीमा बिस्वास को बताया तो उन्होंने इसे करने से मना कर दिया. तब शेखर कपूर ने इस सीन के लिए सीमा बिस्वास के बॉडी डबल का इस्तेमाल किया था।
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शेखर कपूर ने फिल्म की टीम में किसी को नहीं बताया कि वह इस सीन को कैसे शूट करेंगे. उन्होंने बस गांव के उस चौराहे को घेर लिया और बाड़ बना दी। अंदर फूलन का किरदार निभाने वाले बॉडी डबल ने अपने सारे कपड़े उतार दिए। कैमरा रोल होते ही शेखर कपूर ने उस बाड़ को हटाने का इशारा किया. इशारा मिलते ही घेराबंदी हटा ली गई और फूलन का किरदार निभाने वाली नंगी अभिनेत्री या यूं कहें कि बॉडी डबल गांव वालों के सामने नंगी हो गई. यह दृश्य देखने के लिए कई ग्रामीण आसपास के घरों की छतों पर चढ़ गए थे। फिर गांव वालों की असली प्रतिक्रिया कैमरे में कैद हो गई.