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पितृ पक्ष में इस समय करें भगवान शिव की पूजा, मिल जायेगी पितृ पक्ष से मुक्ति…

हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर अमावस्या तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। इसकी शुरुआत भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से होती है। इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर से 14 अक्टूबर तक है। इस दौरान श्रद्धालु अपने पितरों को तर्पण करते हैं। साथ ही पितरों का श्राद्ध कर्म और पिंडदान भी किया जाता है। 

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धार्मिक मान्यता है कि पितरों की पूजा करने से व्यक्ति को मृत्युलोक में सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं। उनकी कृपा से सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं। पिता भगवान के समान होते हैं. ज्योतिषियों के अनुसार पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को जीवन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए पितरों की पूजा अनिवार्य है। इसके अलावा भगवान शिव की पूजा करने से पितृ दोष से भी राहत मिलती है। 

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अगर आप पितरों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो पितृ दोष के दूसरे दिन इस समय भगवान शिव की पूजा करें। आइए जानते हैं शिव पूजा का पंचांग और सही समय-

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शुभ समय

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पंचांग के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 30 सितंबर को दोपहर 12:21 बजे है. इसके बाद पितृ पक्ष की द्वितीया शुरू हो जाएगी, जो अगले दिन यानी 1 अक्टूबर को सुबह 09.41 बजे तक रहेगी।

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ध्रुव योग

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पितृ पक्ष के दूसरे दिन ध्रुव योग बन रहा है. इस योग का निर्माण शाम 04 बजकर 27 मिनट तक है.

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अभिजीत मुहूर्त

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पितृ पक्ष के पहले दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:47 बजे से 12:35 बजे तक है।

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राहुकाल

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पितृ पक्ष के दूसरे दिन राहुकाल 09:12 से 10:42 तक है। पंचक पूरे दिन रहता है और दिशाशूल पूर्व दिशा में होता है।

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शिव पूजा का सही समय

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पितृ पक्ष के दूसरे दिन भगवान शिव दोपहर 12.21 बजे तक जगत जननी मां आदिशक्ति मां गौरी के साथ रहेंगे। इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर सकते हैं। शिव पुराण में वर्णित है कि जब भगवान शिव माता गौरी के साथ रहते हैं तो उस समय महादेव का अभिषेक करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है।

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